बृहद द्रव्यसंग्रह में “निर्विचिकित्सा अंग” के प्रकरण में “रानी रुक्मणि की कथा” का उदहारण आया है | कृपया उनकी कथा बताएं | या कही लिखी हो तो ग्रन्थ का नाम बताये |
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रत्नकरण्ड श्रावकाचार में जितनी भी कथाएं आई हैं उन कथाओं का पृथक से प्रकाशन भी हुआ है
ये बृहद द्रव्यसंग्रह में आया अंश है। रत्नाकरण्ड श्रावकाचार जी वाली सभी कथाएं ‘सम्यक्त्व कथा’ नामक पुस्तक में उपलब्ध हैं ये ज्ञात है मुझे।
जैन कथा संग्रह भाग-१ में हैं। सम्यग्दर्शन के आठ अंग में।