प्रश्न -
दर्शन मोह की क्षपणा अर्थात् क्षय कौन मनुष्य कर सकता है ॽ
उत्तर - 1) जिस मनुष्य को केवली या श्रुतकेवली का साक्षात पादमूल मिला हो वे मिथ्यादृष्टि मनुष्य भी औपशमिक से क्षयोप्शमिक होकर क्षयिक सम्यक्त्वी बन सकते है।
- जो तीर्थंकर का जीव( 2- 3 कल्याणक वाले) जो क्षयोप्शमिक स्मयक्तद्रष्टि अथवा मिथ्यात्व में है वे स्वयं मुनि अवस्था मे श्रुततकेवली हो कर स्वयं के पादमूल में अधः करण आदि तीन करण करके क्षायिक सम्यक्त्व प्राप्त कर सकते है।
दो प्रकार के मनुष्य कर सकते है।