मुनिराज मतदान करें या नहीं?

वर्तमान भारत के राज्य के नियम के अनुसार प्रत्येक भारतीय नागरिक को मतदान देना अनिवार्य है जो कि 18 वर्ष से ऊपर का है तत्वार्थ सूत्र में आए इस सूत्र में यह बताया गया है कि यदि कोई भी अचौर्य अणुव्रत का धारी श्रावक यदि राज्य का उल्लंघन करे तो वह अतिचार है।जब अणुव्रत में अतिचार है,तो मुनि तो अचौर्य महाव्रत के धारी हैं ,वे राज्य के विरुद्ध कोई भी कार्य नही करते हैं।परंतु मतदान जैसे कई नियम प्रत्येक भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी तथा कर्तव्य हैं।तो क्या मुनिराज मतदान नही देकर राज्य के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं कृपया विचार पूर्वक समाधान करें??
भले ही पहले ऐसी व्यवस्था नहीं थी पर राज्य के नियम तो नियम ही होते हैं, कृपया समाधान करें।।

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अणुव्रतो का कथन श्रावक के अनुसार किया गया है,मुनिराज पर यह पर लागू नहीं होते ,अतः मुनिराज वोट नहीं देते।

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Nice question.

जी नहीं, ऐसा नहीं है। वोट करना अनिवार्य नहीं है। जिसप्रकार ‘वोट करना’ एक अधिकार है उसीप्रकार ‘वोट न करना’ भी एक अधिकार है। भारत में compulsory voting लागू अभी तक नहीं हुई है।

भारत के चुनाव “Representation of the People Act, 1951” के तहत संचालित किए जातें हैं, जिसका यह अंश पढ़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है ―

Right to Vote, not DUTY to Vote

255th Law Commission Report भी यही कहती है ―

अतः मुनिराज का वोट न करना ‘विरुद्धराज्यातिक्रम’ में नहीं आ सकता क्योंकि वोट करना किसी भी व्यक्ति के लिए भारत में ज़रूरी नहीं है। इसलिए उनके महाव्रत में कोई दोष नहीं लगेगा।

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जी नही, मुनिराज कैसे vote दे सकते ? सब से पहली बात वे परम वितरागी होते है।अगर वे vote देगे तो फिर किस party
को vote दे। ये चुनाव करना पडेगा , फिर उनकी वितरागता कहाँँ गई। दुसरा ques राजाज्ञा, तो हमारे महामुनिराज क्या राजाज्ञा स्वीकार करेगें? अरे जो तीन लोक के नाथ है हमारे मुनिराज जो जिनेंन्द भगवान के शाशन को स्वीकार करेगे। लौकिक नही।और उनके पास इतना समय ही कहाँ है जो vote देने का भी विकल्प आवें। अगर दे फिर तो महाव्रत मे ही दोष आएगा। ओर लौकिक शाशन का कोई भी नियम उन पर लागू नही होगा जो उन्हे vote डालने के लिए बाध्य होने पडे अगर ऐसा है तो फिर उनकी गरिमा का ही खंडन है।

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समाधान हो गया
सभी को धन्यवाद।।