क्या अलोकाकाश मे काल द्व्य का परिणमन होता है।
वहाँ पर काल द्रव्य का अस्तित्व नही है। काल द्रव्य का परिणमन भी नही है।
तथापि काल द्रव्य जिसमें निमित्त हैं, ऐसा परिणमन भी अलोकाकाश में सदैव होता हैं।
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इसका विशेष कहाँ पर पढ़ने मिल सकता है?
वृहृददव्यसंग्रह ग्रन्थ की टीका में इस प्रकार आया है-
वृहदद्रव्यसंग्रह में गाथा नं -22की टीका ,स्मारक से प्रकाशित में पेज नंबर 74
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waah yeh bahot accha khulasa hai, adbhut baat hai.