वर्तमान परिपेक्ष्य में

क्या हम तीन लोक के नाथ के सामने पंचपरमेष्ठी के अलावा किसी और कि जयकारा बुला सकते है?

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जी नहीं।

  1. तीन लोक के नाथ के समक्ष अन्य किसी भी व्यक्ति की जयकारा लगाना तीन लोक के नाथ का अपमान है। इससे तीव्र असाता-वेदनीय कर्म का बंध होता है।

  2. अगर जिनमंदिर में स्वाध्याय/प्रवचन होता है तो हमेशा जिनप्रतिमा के सामने पर्दा लगाकर ही किया जाता है क्योंकि जिनेन्द्र के सामने हम अन्य आचार्य के ग्रंथ यदि पढ़ते हैं तो वो भी जिनेन्द्र का अपमान करना है।

  3. जिनवाणी को भी जिनेन्द्र के सामने नहीं पढ़ते तब अन्य किसी व्यक्ति की जयकारा बुलवाना सर्वथा अनुचित है।

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भावुकता में आकर जीव अविनय कर बैठता है।

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