कोई भी क्रिया कैसे होती है?

माने निम्मित ,पुरुषार्थ और नियति किस प्रकार से कार्य करती है , अथवा क्या पुरुषार्थ और निम्मित केवल व्यवहार नय से उचित है ??
यदि उत्तर कोई दृष्टांत सहित दिया जाए तो और भी अच्छा।

A similar type of question was raised by पं प्रवर टोडरमल जी in मोक्षमार्ग प्रकाशक under a topic पुरुषार्थ से मोक्ष प्राप्ति. Chapter 9. Pg - 309.

Do refer it. I hope, it will solve all of your queries regarding पाँच समवाय.

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Read 4-5 questions as of now. got the basic idea and answer.
Thank you.
What did that last word mean in your reply (samvaay?)

समवाय नाम समुदाय का हैं। सो इन पाँच के समुदाय के मिलने पर कार्य होता हैं।

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