असंख्यात प्रदेशी लोक आकाश में अनंतानंत पुदगल कैसे?

लोक आकाश असंख्यात प्रदेशी जगह है। उसमे अनंतानंत पुदगल परमाणु कैसे रहते है? प्रदेश space की सबसे छोटी unit है तो अगर एक प्रदेश में अनंत पुदगल रहते हैं तो वो space की सबसे छोटी unit कैसे हुई?

2 Likes

आकाश की अवगाहना शक्ति के कारण पुद्गल परमाणु अनन्त होने पर भी असंख्यात प्रदेश वाले आकाश में रह सकते हैं ।

3 Likes

जहाँ आकाश की अवगाहना शक्ति है वहीं पुद्गल परमाणुओं की सूक्ष्म रूप से परिणमन की शक्ति के कारण असंख्यात प्रदेशों वाले आकाश में अनन्त पुद्गल परमाणुओं का अवगाह बन जाता है।

2 Likes

द्रव्य की सूक्ष्मतम इकाई से क्षेत्र की सूक्ष्मतम इकाई सूक्ष्म है।
क्षेत्र की सूक्ष्मतम इकाई से काल की सूक्ष्मतम इकाई सूक्ष्म है।
काल की सूक्ष्मतम इकाई से भाव की सूक्ष्मतम इकाई सूक्ष्म है।

3 Likes

सर्वार्थसिद्धि अधिकार 5, सूत्र 13-14 में इस शंका का विस्तार से उत्तर दिया गया है।
उसका संक्षिप्त विवरण-

पुद्गलों का अवगाह लोकाकाश के एक प्रदेश आदि में विकल्प से होता है।- सूत्र 14 का अर्थ।

एक प्रदेश आदि- जिनके प्रारम्भ/आदि में एक प्रदेश है वे एक प्रदेश कहलाते हैं।

पुद्गल के एक परमाणु को एक प्रदेश तो चाहिए ही, क्योंकि वह न तो इससे कम में रह सकता है और न ही अधिक में।
-किन्तु बद्ध या अबद्ध दो परमाणु आकाश के एक प्रदेश अथवा दो प्रदेश में रह सकते हैं।
-बद्ध, अबद्ध 3 परमाणु = 1प्रदेश, 2 प्रदेश, 3 प्रदेश में रह सकते हैं।
-बद्ध, अबद्ध संख्यात परमाणु= 1 प्रदेश 2 प्रदेश, 3 प्रदेश… संख्यात प्रदेश में रह सकते हैं।
-बद्ध, अबद्ध असंख्यात, अनंत स्कन्धों का लोकाकाश के 1, संख्यात, और असंख्यात प्रदेशों में अवगाह हो सकता है।

शंका- पुद्गल तो मूर्त है, फिर बिना विरोध के एक जगह कैसे बन सकता है?
समाधान- अवगाहन स्वाभाव है और सूक्ष्म रूप से परिणमन हो जाता है, जैसे एक ढक्कन में अनेक दीपकों का प्रकाश।

बद्ध - बंध को प्राप्त परमाणु
अबद्ध- खुले हुए परमाणु

5 Likes

हाँ क्योंकि प्रकाश matter नहीं है इसलिये पर परमाणु तो matter है एक hard solid ball के जैसे तो वो कैसे रह सकते है? @anubhav_jain

उदाहरणतः-
जिस प्रकार सूखे रेत से भरे घडे में कुछ भी नही आ सकता, परंतु विचार करे तो उसमे पानी आ सकता है, किले आ सकती है, आदि । इस ही प्रकार एक प्रदेश पर भी संख्यात, असंख्यात,अनंत पुद्गल परमाणु के अवसान में विरोध नही आता।

5 Likes

दीपक से उत्पन्न प्रकाश के परमाणु भी पुद्गल के ही परमाणु हैं।

3 Likes

अनुमान से - जैसे नगर बहुत बड़ा है, पर flight से देखने पर एक बिंदु में समाया हुआ दीखता है, ऐसे ही तारे एक बिंदु मात्र दीखते है, मानो एक ही प्रदेश में बड़ा नगर, तारा समा गया हो, सो यह आकाश द्रव्य का एक अध्बुद्ध गुण है जैसे ज्ञान जीव का एक अध्बुद्ध गुण है ।

अनन्त पुद्गल परमाणु सहावस्थान में परस्पर भी निमित्त होते है अतः प्रदेश भेद हो यह आवश्यक नही ।

1 Like

Does sukshma mean Gyan ki sukshamata to understand these units?

जी नहीं। सूक्ष्मता अर्थात उन पदार्थों की स्वरूपगत सूक्ष्मता।