द्वादश अंग रूपी माँ जिनवाणी

जिनवाणी माँ को द्वादश अंग जिनवाणी माता क्यों कहा जाता है? कृपया विस्तार से इसका वर्णन करें।

जिनागम में प्राप्त जिनदेव की देशना का एक व्यवस्थित विभाजन है और उसके आधार पर ये 12 अंग होते हैं।
मिथ्यादृष्टि द्रव्यलिंगी जीव को भी 11 अंग और 9 पूर्व तक का ज्ञान हो जाता है, किन्तु 12 अंग का ज्ञान सम्यकदृष्टि के ही संभव है।
12 वे अंग में 14 पूर्व हैं, मिथ्यादृष्टि जीव को इसी 12 वे अंग के 9 पूर्वों का ज्ञान हो सकता है।

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चर्चा संग्रह में इसप्रकार लिखा है कि -
प्रश्न- जिनवाणी के 12 अंग ही क्यों होते हैं?
उत्तर- जिसप्रकार 12 अंग वाले मनुष्य को ही पूर्ण मनुष्य माना जाता है, उसीप्रकार 12 अंग वाली जिनवाणी को ही पूर्ण जिनवाणी कहते हैं; अतः जिनवाणी के 12 अंग होते हैं।

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Some Articles

http://www.vitragvani.com/shastra-bhandar/shrut-skandh-rachana.aspx

https://www.cs.colostate.edu/~malaiya/agamas.html

Can someone elaborate below lines from above article

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