क्षायोपशमिक भाव के 18 भेदों में ये दो आते है - सरागसंयम और संयमासंयम । इन दोनों में क्या अंतर है ? कौन-सा भाव किन-किन गुणस्थानों में होता है ?
सर्वप्रथम क्षायोपशमिक भाव के 18 भेदों में सराग-संयम नहीं है।
अन्य विश्लेषण सराग संयम का आशय 6वाँ गुणस्थान है और संयमासंयम 5वाँ।
देव गति के बन्ध का कारण - "सरागसंयम-संयमासंयम-अकामनिर्जरा-बालतपांसि-दैवस्य।। सम्यक्त्वं च।।
सरागसंयम - शुभ कषायरूप औदयिक भाव है एवं संयमासंयम - क्षायोपशमिक भाव है।
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Thanks for this correction. It was a gross error…!
क्या 5वे गुणस्थान में सरागसंयम कहा जा सकता है ?
एकदेश सराग संयम or सराग देश-संयम to be precise.
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