और
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Source: गुणस्थान विवेचन, pp. 40-43
सर्वघाति प्रकृति में individually क्षयोपशम नहीं घटता परन्तु क्षयोपशमिक सम्यक्त्व उस दशा का नाम हैं जहाँ उदय, क्षय, उपशम रूप अवस्था different प्रकृतियों का एक साथ हो।
सही कहा… लेकिन ऐसा सर्वघाति में ही है।
परंतु देशघाति में घटित हो जाता है (इस pic का दूसरा point)
क्यूँकि क्षयोपशम ज्ञान आदि में, और वेदक साम्यक्तव में एक देशघाति प्रकृति में भी क्षयोपशम घटित होता है। इतना ज़रूर है की यहाँ देशघाति प्रकृति के भी सर्वघाति और देशघाति ऐसे २ भेद करके क्षयोपशम की परिभाषा घटित की जाती है ।