तेरी पूजा ओ मेरे ईश, निश दिन चरण में रहेगा ये मेरा शीश
वैरागी के मन में समाया हुआ ,
सरागी से तु दूर जाता हुआ।
दुनियाँ के मन्दिर में लाखों हैं देव
अनादि से स्वामी मैं भटका हुआ।
अब मैं भी जागा हूँ ओ मेरे ईश
निशदिन चरण में रहेगा ये शीश। | तेरी पूजा…
पाऊँगा अब तेरे चरणों की धूल
जागाऊंगा आतम में समकित की धूम ।
श्रद्धा में ज्ञान में चारित्र में,
निशदिन रहे तेरी भक्ति की धुन।
तुझमें रमा हूं ओ मेरे ईश,
निशदिन चरण में रहेगा ये शीश।
तेरी पूजा…