- वाचक उमास्वामी कृत तत्त्वार्थाधिगम भाष्य (संस्कृत);
- समंतभद्र आचार्य (ई.2) विरचित 9600 श्लोक प्रमाण गंधहस्ति महाभाष्य;
- श्री पूज्यपाद आचार्य (ई.श.50) विरचित सर्वार्थसिद्धि;
- योगींद्र देव विरचित तत्त्व प्रकाशिका (ई.श.6)
- श्री अकलंक भट्टाचार्य (ई.620-680) विरचित तत्त्वार्थ राजवार्तिक;
- श्री अभयनंदि आचार्य (ई.श.10-11) विरचित तत्त्वार्थ वृत्ति;
- श्री विद्यानंदि आचार्य (ई.775-840) विरचित श्लोकवार्तिक।
- आ.शिवकोटि आचार्य (ई.श.11) द्वारा रचित रत्नमाला नामकी टीका।
- आ.भास्करनंदि (ई.श.12) कृत सुखबोध नामक टीका।
- आ.बालचंद्र (ई.श.13) कृत कन्नड़ टीका।
- विबुधसेनाचार्य (?) विरचित तत्त्वार्थ टीका।
- योगदेव (ई.1579) विरचित तत्त्वार्थ वृत्ति।
- प्रभाचंद्र आचार्य नं.8 (ई.1432) कृत तत्त्वार्थ रत्नप्रभाकर
- भट्टारक श्रुतसागर (वि.श.16)कृत तत्त्वार्थ वृत्ति (श्रुत सागरी)।
- द्वितीय श्रुतसागर विरचित तत्त्वार्थ सुखबोधिनी।
- पं.सदासुख जी (ई.1793-1863) कृत अर्थ प्रकाशिका नाम टीका।
- पं. बुधजन जी कवि जयपुर ( विक्रम संवत १८२०- वि. सं. १८९५ अनुमानित) द्वारा विरचित- तत्त्वार्थबोध टीका ।
इनके अलावा और कितनी टीका है?
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ऊपर की लिस्ट में १७ )सिद्धसेनगणी (वि. सं. ५) कृत तत्त्वार्थ भाष्यवृत्ति और १८ ). हरिभद्रसुनुकृत तत्त्वार्थ भाष्यवृत्ति (वि. सं, 5-६) जोड़नेपर जहां तक ज्ञात है इस महान ग्रंथ पर मुख्यतः १८ टिकाए पूर्वकाल में लिखी गई; और भी हो सकती हैं । वर्तमान में भी अनेक विद्वानों ने इसी पर टिकाए लिखी हैं । कुल मिलाकर इनकी संख्या १०००से भी अधिक होंगी,
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- रामजी भाई(सोनगढ़ )
- चेतनदासजी की टीका
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