सुनो सुनो रे जिनवाणी । Suno Suno Re Jinvaani

सुनो सुनो रे जिनवाणी मीठे बोल बोले, बोल बोले।
आगम की वाणी में म्हारो मन डोले ।।टेक।।

बड़ा पुण्य अवसर यह आया, आज तुम्हारा दर्शन पाया।
पावापुर के महावीर ने, सब भव्यों को पार लगाया ।।

गाओ- गाओ रे जिनवाणी मीठे बोल बोले ।।1।।

घट घट माटी गुरुदेव की, महिमा है हितकारी।
आत्मज्ञान की बात बताकर, सच्ची ज्योत जगाई ।।

नाचो नाचो रे म्हारो मन हौले हौले ।।2।।

जिनमंदिर में सब नर नारी, थारा ही गुण गावें।
मन से तेरी भक्ति कर के, पुण्य महान कमावें।।

नाचो नाचो रे प्रभु के आगे हौले हौले ।।3।।

कुन्दकुन्द ने परमागम में, परमामृत बरसाया।
कहान गुरु ने परमामृत को, घर घर में पहुँचाया ।।

बोलो गुरुवर का जयकारा सब जन हौले हौले ।।4।।

थारे दर्शन के कारण मैं, बड़ी दूर से आया।
सुन सुन थारी महिमा, मैं तो भागा भागा आया ।।

करो करो रे निजातम दर्शन हौले हौले ।।5।।

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