सुन ज्ञानी प्राणी, श्री गुरु सीख सयानी। Sun Gyani Prani, Shri Guru Seekh Sayani

सुन ज्ञानी प्राणी, श्री गुरु सीख सयानी

(राग सोरठ)

सुन ज्ञानी प्राणी, श्री गुरु सीख सयानी । । टेक ।।

नरभव पाय विषय मति सेवो, ये दुरगति अगवानी ।। सुन. ।। यह भव कुल यह तेरी महिमा, फिर समझी जिनवानी ।

इस अवसर में यह चपलाई, कौन समझ उर आनी ।। १ ।। सुन. ।। चंदन काठ - कनक के भाजन, भरि गंगा का पानी ।

तिल खलि रांधत मंदमती जो, तुझ क्या रीस बिरानी ।। २ ।। सुन. ।।

‘भूधर’ जो कथनी सो करनी, यह बुद्धि है सुखदानी । ज्यों मशालची आप न देखै, सो मति करै कहानी ।। ३ । । सुन. ।।

रचयिता: कविवर श्री भूधरदास जी

Source: आध्यात्मिक भजन संग्रह (प्रकाशक: PTST, जयपुर )