सो ज्ञाता मेरे मन माना | So Gyaata Mere man maana

सो ज्ञाता मेरे मन माना, जिन निज-निज पर-पर जाना || टेक ||

छहों दरव तैं भिन्न जान कै, नव तत्वनि तैं आना |
ताकों देखैं ताकों जानैं, ताही के रस साना || १ ||

कर्म शुभाशुभ जो आवत हैं, सो तो पर पहिचाना |
तीन भवन को राज न चाहै, यद्यपि गांठ दरब बहु ना || २ ||

अखय अनन्ती सम्पति विलसै, भव तन भोग मगन ना |
‘द्यानत’ ता ऊपर बलिहारी, सोई ‘जीवन-मुकत’ भना || ३ ||

Artist- पं. द्यानतराय जी