Mera q. He ki, jab likhna 5 kaal se strat hua, toh uss dev ne shubhom chakravarti ko namokaar mantra kese likha hoga.
Aur namokaar mantra toh pehli baar aachrya pushpdant bhutbali ne likha.
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*णमोकार मंत्र तो अनादि निधन मंत्र है,क्योकि इसमें आराधित पंच परमेष्ठि अनादि से हैं और उसके उपासक अनादि से हैं।इसे पंचम काल में मात्र लिपी बध्द किया गया है।
-अतः शुभोम चक्रवर्ति णमोकर मंत्र पर लात रख सकते हैं, परन्तु इसमें एक तथ्य यह है कि जब शुभोम चक्रवर्ति ने पानी मे पंच परमेष्ठि के आराध्य स्वरुप जो कुछ भी लिखा होगा तो ,वह लिखने के बाद तुरंत मिट गया होगा और वह उस पर लात नहीं रख पाये होंगे,परन्तु जो उनको नरक रुप फल हुआ वह उनके, मंत्र के प्रति अविनय के भाव से हुआ।
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णमोकार मंत्र का अर्थ नमस्कार मंत्र होता है। अर्थात जिसमे पंच परमेष्ठियों को नमस्कार किया गया हो। अब जैसा णमोकार मंत्र हमे वर्तमान में प्राप्त है वैसा ही मंत्र का सुभौम चक्रवर्ती ने अपमान किया होगा ― ऐसा ज़रूरी नहीं है। हो सकता है कि कोई मंत्र हो जिसमें पंच परमेष्ठियों की स्तुति हो उसका अपमान किया हो। उसको कहा तो णमोकार मंत्र ही जायेगा।
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