शास्त्रों की बातों को मन से ना जुदा करना,
संकट जो कोई आये स्वाध्याय सदा करना ॥
जीवन के अंधेरों में दुखों का बीड़ा है,
पहचान जरा कर ले फ़िर जड़ से मिटा देना ॥(1)
हम राह भटकते हैं, मंजिल का नहीं पाना,
चहुं ओर अंधेरा है बुझा दीप हमारा है।
हमें राह दिखा जिनवर भव पार हमें करना॥(2)
धन दौलत की दुनिया अपना ही पराया है,
तू सार करे किसकी माटी की काया है,
पहचान जरा करले फ़िर जग से विदा लेना ॥(3)