सदा करो तुम पुण्य के काम
मंदिर जाकर करो प्रणाम,
निशदिन ध्याना आतमराम।
जिनवाणी जब दिखे कहीं,
सम्हाल के रखना तुम सही।।
चौकी बीच में पड़ी मिले,
चिटक पे चिंटी झूम रही है,
अरे | उठा लो क्यों घूम रही ?
नीचे देख के सदा चलो,
जीव बचा के पुण्य करो।
मंदिर में न मचाना शोर,
वरना मरके होओगे ढोर ।।
Artist: बाल ब्र. श्री सुमत प्रकाश जी
Source: बाल काव्य तरंगिणी