सब मिलकर आज जय कहो, श्री वीर प्रभु की।
मस्तक झुका के जय कहो, श्री वीर प्रभु की।।टेक।।
ज्ञानी बनो, दानी बनो, बलवान भी बनो।
अकलंक सम बन, जय कहो, श्री वीर प्रभु की ।।1।।
विघ्नों का नाश होता है, लेने से नाम के।
माला सदा जपते रहो, श्री वीर प्रभु की ।।2।।
तुमको भी अगर मोक्ष की, इच्छा हुई है दास।
उस वाणी पर श्रद्धा करो, श्री वीर प्रभु की ।।3।।
Artist: अज्ञात