Given : Pudgal ki Paryaye hai खंड.
Query? Cant his be applied in Jeeva aswell? what about Samudarghat scenario? Yaha par bhi to Aatma ke pradesh body se bahar aajate hai? Iss prakaar se Aatma ki paryaye bhi to खंड ho sakti hai kya?
Since I am new to Shahstars. If possible Please explain in simple language.
नहीं। आत्मा कभी खंड-खंड रूप नहीं होता; समुद्घात के समय भी नहीं। पूरे लोक में प्रदेश फैलने के बाद भी वे आपस में जुड़े रहते हैं। इसलिए खंड आत्मा की पर्याय नहीं हो सकती।
तथा पुद्गल स्कंध कई परमाणुओं से मिल कर बनता है। अतः वे परमाणु बिखर कर अलग अलग हो सकते हैं और रहेंगे तो वे पुदगल ही। अतः उन्हें खंड कहा जा सकता है।
अगर पर्याय के स्वभाव की अपेक्षा देखें तो पर्याय तो खंड ही है क्योंकि वह एक समय की होती है। अतः ‘खंड’ पर्याय सामान्य का भी लक्षण है और पुद्गल द्रव्य का भी।
No dravya can possible to be broken into pieces i.e “Khand” as each dravya a single entity. It remain single entity forever, thats why it is called as single dravya.
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