प्रतिक्रमण, आलोचना एवं प्रत्याख्यान में अंतर बताते हुए, क्या-क्या सावधानियां एवं भ्रांतियां इससे जुड़ी हुई हैं वह भी स्पष्ट करने का प्रयास करें ताकि स्पष्ट एवं सुलझे रूप में इस प्रकरण का बोध हो सके एवं सबको सुलभ हो।
प्रतिक्रमण, आलोचना एवं प्रत्याख्यान में अंतर बताते हुए, क्या-क्या सावधानियां एवं भ्रांतियां इससे जुड़ी हुई हैं वह भी स्पष्ट करने का प्रयास करें ताकि स्पष्ट एवं सुलझे रूप में इस प्रकरण का बोध हो सके एवं सबको सुलभ हो।
इनमें भूत वर्तमान और भविष्य संबंधित दोषों का प्रायश्चित होता है।