पढ़ना
बच्चों ! नित्य नियम से पढ़ना ।
हित पर दृष्टि रखकर पढ़ना ।।१।।
आदर और विनय से पढ़ना ।
पढ़कर जाना आ कर पढ़ना ।।२।।
समझ-समझकर के तुम पढ़ना ।
पिछला पाठ याद तुम रखना ।।३।।
प्रातः जल्दी उठकर पढ़ना ।
समयचक्र का पालन करना ।।४।।
तजने योग्य सहज ही तजना ।
भजने योग्य सहज ही भजना ।।५।।
पढ़कर के आतम हित करना ।
देश धर्म की उन्नति करना ।।६।।
नाम गुरु का नहीं छिपाना ।
विद्यालय का नाम बढ़ाना ।।७।।
Artist - ब्र. श्री रवीन्द्र जी ‘आत्मन्’
Source: बाल काव्य तरंगिणी
Singer - @Atmarthy_Ayushi_Jain