नेमि जिनेश्वर… नेमि जिनेश्वर तेरी जय जयकार करें हम सारे ।।टेक।।
भव भयहारी, मम हितकारी; तुम हो ज्ञाता, तुम हो दृष्टा।
प्राणी मात्र के प्रभु आपने, सारे कष्ट निवारे ।।1।।
विघ्न विनाशक, स्व-पर प्रकाशक; तुम्ही महंता, तुम भगवंता।
तीन जगत के सारे ज्ञेयाकार निहारें ।।2।।
ध्येय प्रकाशा, हेय विनाशा; उपादेय निज, तुम दर्शाया।
इंद्र सुरेंद्र नरेंद्र तुम्हारी आरती उतारें ।।3।।