णमोकार मन्त्र को प्रणाम हो | namokar mantra ko pranam ho

णमोकार मन्त्र को प्रणाम हो, प्रणाम हो
ये अनादि महामन्त्र मंगल निष्काम हो…

पहला अरहन्त नाम, करता है कर्म नाश - २,
जीवों को देता है, ज्ञान सूर्य का प्रकाश - २,
जय हो अरहन्त देव तुम्हीं धर्म ध्यान हो - २॥
ये अनादि महामन्त्र मंगल निष्काम हो… |

मङ्गलाचरण खण्ड दूजा है सिद्ध नाम,
जन्म मृत्यु से विहीन - २, अविनाशी वीतरागी,
सदा स्वयं आत्मलीन - २, है अनन्त शुद्धतत्त्व, सृष्टि के ललाम हो - २॥
ये अनादि महामन्त्र मंगल निष्काम हो…

महाव्रती ज्ञानी आचार्य, नमस्कार हो - २,
उपाध्याय ज्ञान ज्योति, जहाँ अन्धकार हो - २,
विनयशील वीतराग साधु ज्ञानवान हो - २ ।
ये अनादि महामन्त्र मंगल निष्काम हो…

सर्वसाध्य मुक्तिरूप, महामन्त्र ध्यान से - २,
अन्तर बाहिर पवित्र, मन्त्र नमस्कार से - २,
नमस्कार मन्त्र मुक्ति, सिद्धि के निधान हो - २ ।
ये अनादि महामन्त्र मंगल निष्काम हो