मुझे बताओ- mujhe batao

मुझे बताओ, आत्मा कैसा है ?
वह कैसा है, कहाँ रहता है? मुझे।।

जो जाने सभी देखे सभी को,
ऐसा वह आत्मा कैसा है ? मुझेः ।।

आप ही प्रभू है, आप ही सिद्ध है,
आप ही ज्ञान का दरिया है।। मुझे ।।

भिन्न शरीर से, भिन्न वचन से ।
तो भी आनंद से भरिया है। मुझे ।।

जन्म बिना का, मरण बिना का,
वह राग बिना का, कैसा है ? मुझे।।

जो दीखे न आँखसे, दिखे जो ज्ञान से,
मेरे जीव को देखना है।। मुझे ।।

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