भरत, ऐरावत क्षेत्र के जीव अगले भव में विजयार्ध पर जन्म लेकर मोक्ष जा सकते है क्या? … उसके लिये क्या पुण्य, पुरुषार्थ करना आवश्यक है?
जी बिल्कुल , भरत क्षेत्र एवं ऐरावत क्षेत्र के जीव पुरुषार्थ पूर्वक विजयार्ध पर्वत से मोक्ष जा सकते है ।।
पर इसके लिए हमें कोई अलग तरीके से पुरुषार्थ करना पड़ेगा ऐसा नहीं है , हम लोकिक में भी एक वाक्य सुनते है- काम किए जा , फल की इच्छा मत कर ।।
उसी प्रकार अपन भी शुद्धउपयोग , पुरुषार्थ करे तो मोक्ष निश्चित है परन्तु हम मोक्ष की कामना से पुरुषार्थ करे तो कभी मोक्ष नहीं मिलेगा । जैन धर्म में बिन मांगे सब मिलता है , पुरुषार्थ करो , आपापर को जानो तो सारी उपलब्धि जैसे 63 सलाका पुरुष तो गिफ्ट रुप में मिल जाएगी ।।
हमारा प्रयोजन तो आत्मानुभूति है , तो फिर मोक्ष कहीं से भी हो उससे क्या फर्क पड़ता है।
मोक्ष के लिए हमें कोई कायदा अपनाना पड़ेगा ऐसा भी नहीं है , अपन को सिर्फ आत्मा को शरीर से भिन्न , शुद्ध , ज्ञानानंद स्वाभाविक है ऐसा जानना मानना उसी में लीन होना है … ।
विजयार्ध पर्वत के जीवों के लिये मोक्ष प्राप्ति के लिये भरत, ऐरावत क्षेत्र जैसे किसी विशिष्ठ काल का इंतज़ार करना आवश्यक नहीं होता वहाँ विदेह क्षेत्र की तरह सदा ही मोक्ष जाने हेतु अनुकूल काल होता है। … सो अगला भव विजयार्ध पर्वत पर पाने हेतु क्या कोई विशेष पुरुषार्थ / पुण्य / पात्रता आवश्यक है? … कौन विजयार्ध पर्वत पर जन्म लेते है / लेने के पात्र होते है? इस अपेक्षा से प्रश्न रखा है। … Please share more about this. … जय जिनेंद्र! … आभार!
इसका प्रमाण प्रेषित करें।