बच्चे माँगें, मम मम मम
धर्म करेंगे, हम हम हम
सब सिद्धों को, नम नम नम
भगवन बनने, जन्मे हम ।।
मम्मी क्या है, मम मम मम,
चेतन तू है, रम रम रम
चार गति में, गम गम गम
सिद्ध गति में सुख नहीं कम ।।
हमको समझा, कभी न कम
समकित लेंगे, क्षण में हम
मुक्ति जब तक मिले नहीं,
मैं न लूँगा, कहीं पे दम।।
Artist: बाल ब्र. श्री सुमत प्रकाश जी
Source: बाल काव्य तरंगिणी