मेरा जैन धर्म | Mera Jain Dharm

धर्म मेरा धर्म मेरा धर्म मेरा रे,
प्यारा प्यारा लागे जैन धर्म मेरा रे।
ऋषभ हुए वीर हुए धर्म मेरा रे,
बलवान बाहुबली सेवे धर्म मेरा रे।

भरत हुए राम हुए धर्म मेरा रे,
कुन्दकुन्द जैसे सन्त हुए धर्म मेरा रे।
चंदना सीता अंजना हुई धर्म मेरा रे,
ब्राह्मी राजुल मात शोभावे धर्म मेरा रे।

सिंह सेवे वाघ सेवे धर्म मेरा रे,
हाथी वानर सर्प सेवे धर्म मेरा रे।
आतमा का ज्ञान देता धर्म मेरा रे,
रत्नत्रय का दान देता धर्म मेरा रे।

सम्यक्त्व जिसका मूल है वह धर्म मेरा रे,
सुख देता मोक्ष देता धर्म मेरा रे।
धर्म मेरा धर्म मेरा धर्म मेरा रे,
प्यारा प्यारा लागे जैन धर्म मेरा रे।।

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