मंत्र णमोकार हमें प्राणों से प्यारा।
यही वो जहाज जिसने लाखों को तारा।।
अरिहंतों को नमन हमारे,अशुभ कर्म अरि हनन करें।
सिद्धों के सुमिरन से आतम,सिद्धक्षेत्र को गमन करे।।
भव-भव में नहीं भ्रमें दोबारा ।।मंत्र...।।(1)
आचार्यों को आचार्यों तक,निर्मल निज आचार धरें।
उपाध्याय का ध्यान करें हम,संवर का सत्कार करें।।
सर्व साधु को नमन हमारा ।।मंत्र...।।(2)
इसी मंत्र से नाग-नागिनी,पद्मावती धरणेन्द्र हुए।
सेठ सुदर्शन को शूली से,मुक्ति मिली राजेन्द्र हुए।।
अंजन चोर का कष्ट निवारा ।।मंत्र...।।(3)