मन हंस ! हमारी लै शिक्षा हितकारी | Man hans ! Hamari lae Shiksha hitkaari

मन हंस ! हमारी लै शिक्षा हितकारी |
श्री भगवान चरन पिंजरे वसि, तजि विषयनि की यारी || टेक ||

कुमति कागली सौं मति राचो, ना वह जात तिहारी |
कीजै प्रीत सुमति हंसी सौं, बुध हंसन की प्यारी || १ ||

काहे को सोवत भव झीलर, दुःखजल पूरित खारी |
निजबल पंख पसारि उड़ो किन, हो शिव सरवर चारी || २ ||

गुरु के वचन विमल मोती चुन, क्यों निजवान विसारी |
ह्वै है सुखी सीख सधी राखें, ‘भूधर’ भूलैं ख्वारी || ३ ||

Artist : कविवर पं. भूधरदास जी

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