मैंने प्रभुजी के चरण पखारे । Maine Prabhu Ji Ke Charan Pakhare

मैंने प्रभु जी के चरण पखारे, मैंने प्रभु जी के चरण पखारे ।।टेक।।

जन्म जन्म के संचित पातक, तत्क्षण ही निरवारे ।।1।।

प्रासुक जल के कलश श्री जिन, प्रतिमा ऊपर ढारे ।।2।।

वीतराग अरिहंत देव के, गूंजे जय जयकारे ।।3।।

चरणाम्बुज स्पर्श करत ही, छाए हर्ष अपारे ।।4।।

पावन तन मन नयन भये सब, दूर भये अंधियारे ।।5।।

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