महावीर प्रभु की हम सन्तान … हैं तैयार हैं तैयार।
जिनशासन की सेवा करने… हैं तैयार हैं तैयार।
सिद्ध पद का स्वराज लेने… हैं तैयार हैं तैयार।
अरिहन्त प्रभु की सेवा करने… हैं तैयार हैं तैयार।
ज्ञानी गुरू की सेवा करने…हैं तैयार हैं तैयार।
तीर्थधाम की यात्रा करने… हैं तैयार हैं तैयार।
जिन सिद्धान्त का पठन करने… हैं तैयार हैं तैयार।
जिनशासन को जीवन देने…हैं तैयार हैं तैयार।
सम्यग्दर्शन प्राप्त करने… हैं तैयार हैं तैयार।
आत्मज्ञान की ज्योत जगाने… हैं तैयार हैं तैयार।
साधुदशा का सेवन करने…हैं तैयार हैं तैयार।
मोहशत्रु को जीत लेने को… हैं तैयार हैं तैयार।
वीतरागी निर्मोही होने…हैं तैयार हैं तैयार।
आत्मध्यान की धूम मचाने… हैं तैयार हैं तैयार।
ज्ञायक का पुरूषार्थ करने… हैं तैयार हैं तैयार।
वीरमारग में दौड़ लगाने… हैं तैयार हैं तैयार।
मोक्ष-दरवाजा खोलने को…हैं तैयार हैं तैयार।
संसार-सागर पार उतरने… हैं तैयार हैं तैयार।
सिद्ध प्रभु के साथ रहने को…हैं तैयार हैं तैयार।
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