माँ-बेटा संवाद | Maa-beta Samwaad

बेटा - माँ! माँ! ये तो बता, पहले प्रभुजी कौन थे ?
माँ - प्रभु भी पहले बचे थे, तेरे जैसे सच्चे थे।
तेरे जैसे बच्चे थे। तेरे जैसे अच्छे थे।

बेटा - प्रभु भी पहले बच्चे थे !
जैस आज मैं बच्चा हूँ।
पर प्रभु तो हो गये सुखी !
मैं क्‍यों रहता यहाँ दुखी ?
माँ - प्रभु ने जाना आत्मा,
बने गये हैं परमात्मा।
तुम भी जानो आत्मा,
बन जाना परमात्मा ।।

बेटा - समझ गया माँ तेरी शिक्षा,
सुन लो माँ । अब मेरी इच्छा।
मुझको न जानो अब बच्चा
करता हूँ मैं वादा सच्चा ।।
निज में दृष्टि जोड़ के,
मोह भाव को छोड़ के।
कर्म जाल को तोड़ के,
जाऊँ मुक्ति में दौड़ के ।।

Artist: बाल ब्र. श्री सुमत प्रकाश जी
Source: बाल काव्य तरंगिणी