क्रोध का फल
एक बीस वर्ष का लड़का, घर पर ही मशीन से अपना कपड़ा सिल रहा था। उसका धागा उलझ गया। उसे गुस्सा आया उसने मशीन में जोर से लात मारी, जिससे मशीन गिर कर टूट गयी। साथ ही सन्तुलन बिगड़ने से वह भी उसी पर गिर गया। उसकी आँख में चोट लग गयी।
माँ आवाज सुनकर आयी। तुरन्त उपचार किया, परन्तु आँख में घाव था; अतः डॉक्टर के यहाँ ले गये। उसने थोड़ा उपचार कर बड़े अस्पताल भेज दिया। वहाँ महीनों इलाज चला, तब कहीं आँख ठीक हो पायी। माँ के समझाने पर उस बालक ने फिर से क्रोध न करने की प्रतिज्ञा ही कर ली।
जरा-सा धैर्य खो देने से कितना कष्ट हो सकता है और कितने कर्म बँधते है। विचार कर सावधान हो।