करुणा सागर भगवान, भव पार लगा देना।
तूफान बहुत भारी, मेरी नाव तिरा देना।।टेक।।
मोही बनकर मैंने, अब तक जीवन खोया।
अपने ही हाथों से, कांटों का बीज बोया।।
अब तेरी शरण आया, दुःख जाल हटा देना।।
करुणा सागर…।।१।।
भगवन् तेरी भक्ति से, संकट टल जाते हैं;
अज्ञान तिमिर मिटता, सुख के फल आते हैं।
चरणों में पड़ा हूँ मैं, मुझे राह दिखा देना।।
करुणा सागर…।।२।।
लख चौरासी भ्रमते, बहु कष्ट उठाया है;
हुआ जन्म मरण मेरा, सुख चैन न पाया है।
चरणों में मस्तक है, मुझे अपना बना लेना।।।
करुणा सागर…।।३।।
आतम अनुभव अमृत, तजकर विषपान किया;
मिथ्यात्व हलाहल से, छककर स्नान किया।
शुद्धात्म पीयूष पीऊँ, सद्बोध दिशा देना।।
करुणा सागर…।।४।।
Singer: @Asmita_Jain