करता रहूँ गुणगान, मुझे दो ऐसा वरदान।
तेरा नाम ही लेते-लेते, इस तन से निकले प्राण।।टेक।।
तेरी दया से मेरे भगवन्, मैंने ये नरतन पाया।
तेरी सेवा में बाधाएँ, डालें जग की ये मोह माया।।
इसलिए अरज करता हूँ, हो सके तो देना ध्यान।।१।।
क्या मालुम कब कौन किस घड़ी, आयु कर्म विनश जाए।।
मेरे मन की इच्छा मेरे, मन ही मन में न रह जाए।।
मेरी इच्छा पूरी करना, मेरे महावीर भगवान।।२।।
चंदना और द्रौपदी के जैसी, दुख सहने की शक्ति दो।
विचलित न होऊँ तेरे पथ से, ऐसी मुझे अनुरक्ति दो।।
तेरी ही सेवा में, इस जीवन की हर शाम।।३।।
Singer: @Asmita_Jain