जिनवाणी-जिनवाणी ध्याना सभी-२
जिनवाणी माँ - जिनवाणी माँ,
तुम ध्याओ जिनवाणी, वीरा की वाणी,
मुक्ति को देती है, महाकल्याणी ॥
गौतम गणधर ने इसका ध्यान किया - २ ।
सब जीवों को मोक्षमार्ग का ज्ञान दिया - २ ।।
बनकर जोगी आतम का कल्याण किया - २ ।
हम पर कर उपकार श्री मोक्ष प्रयाण किया - २ ।।
तुम ध्याओ भव्य प्राणी - वीरा की वाणी
मुक्ति को देती हैं, महाकल्याणी ॥१॥
कुन्दकुन्द योगीन्दुदेव ने ध्याया है - २ ।
पूज्यपाद और उमास्वामी ने गाया है - २ ।।
पुष्पदंत और भूतबलि ने ज्ञान दिया - २ ।
षट्खण्डागम रचकर जग कल्याण किया - २ ।।
तुम ध्याओ जिनवाणी - वीरा की वाणी
मुक्ति को देती है महाकल्याणी ॥२॥