जीवन पथ दर्शन - ब्र. श्री रवीन्द्र जी 'आत्मन्' | Jeevan Path Darshan


47. शासन-प्रशासन निर्देश

  1. अहिंसा शान्ति- समृद्धि एवं प्रगति की आत्मा है।

  2. अहिंसा के बिना शान्ति से जीना तो दूर, शान्ति से मरना (देह-विसर्जन) भी सम्भव नहीं । ‘जो सतावे और को वह सुख कभी पाता नहीं।’

  3. अहिंसा का आधार सत्य है। अचौर्य, शील एवं अपरिग्रह उसके रक्षक एवं पोषक हैं ।

  4. चुनाव की पात्रता - प्रत्याशी नशामुक्त, शीलवान, ईमानदार, अपने विषय की योग्यता (लिखित एवं मौखिक परीक्षा में उतीर्ण) वाले, साम्प्रदायिक कट्टरता से दूर हों।

  5. अराजक तत्त्वों से सम्पर्क द्वारा आत्मसमर्पण कराकर नैतिक जीवन जीने की सुविधाएं एवं अवसर दें।

  6. सभी नैतिक व्यक्तियों को सम्मान पूर्वक प्रोत्साहन दे।

  7. सुविधाएं निष्पक्ष रूप से प्रदान की जायें। जाति या वर्ग विशेष के आधार से नहीं।

  8. सुविधायें पात्रों तक पहुँचाने की पारदर्शी, चुस्त व्यवस्था हो।

  9. नैतिकता-जन जागरण अभियान चलाये जायें।

  10. राष्ट्रीय जनजागरण समिति का विस्तार ग्रामीण समिति तक किया जाये।

  11. शिक्षा एवं चिकित्सा को शुद्ध, सरल एवं सस्ता बनायें।

  12. सर्वप्रथम शिक्षा के भ्रष्टाचार उन्मूलन का अभियान चलाया जावे।

  13. कर्तव्य बोध एवं अधिकार सदुपयोग शिक्षा शिविरों का भरपूर आयोजन हो।

  14. सुधार एवं सुझाव हेतु समय-समय पर प्रतियोगितायें एवं सेमिनार हों।

  15. न्याय सरल, सस्ता एवं समयावधि में हो।

  16. अवैध अस्त्र-शस्त्रों का उन्मूलन एवं वैध शस्त्रों पर नियंत्रण हो।

  17. शराब, नशा, गुटखा, जुआ, अश्लील फिल्म, साहित्य आदि पर कठोर कानून एवं नियंत्रण हो ।

  18. मानसिक एवं बाह्य प्रदूषण मुक्तता का अभियान चलायें।

  19. स्वास्थ्य विरुद्ध मिलावटादि षड्यंत्रों के विरुद्ध जन जागरण हो एवं कानूनों के पालन पूर्वक रोक लगे।

  20. महँगे एवं प्रदर्शनपूर्ण लौकिक एवं धार्मिक आयोजनों में सामाजिक जागृति पूर्वक सुधार हो एवं सुधार हेतु कानून भी बनाये जायें।

  21. आलस्यपूर्ण विलासी महँगी जीवन शैली से सावधान करें।

  22. नेक एवं सीमित कमाई करें।

  23. लघु गृह उद्योगों की शिक्षा, सुविधा, प्रोत्साहन दें।

  24. ग्रामों के सुधार के लिए दैनिक उपयोगी सुविधऐं :- शिक्षा, आजीविका, चिकित्सा, यातायात, ईंधन, प्रकाश, जल प्रदान करें। शुद्ध खाद्य सामग्री गाँव में निर्मित होकर शहरों में जावे ।

  25. गाँवों से पलायन पर दृढ़ता से प्रशासनिक नियंत्रण हो ।

  26. देशी कृषि प्रणाली, जल संग्रह आदि बढ़ायें।

  27. पशु- पालन हो, परन्तु मारने एवं मांस के लिए नहीं।

  28. सुरक्षा-सुविधा-सुन्दरता का क्रम ध्यान रखें।

  29. शील एवं संस्कृति की रक्षा के प्रति जागरूकता लायें एवं कानून बनायें।

(table of contents)

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