नाथ मेरे होऽऽ नाथ मेरे…। |
नाथ मेरे पथ रखियो सदा महावीर जी, त्रिशला के ऽऽ राजकुँवर,
जपूँ मैं जिनवर-जिनवर, दया कर नाथ दया कर।।टेक।।
जब महावीर जी गर्भ में आए, देवों ने तब रत्न लुटाए,
इन्द्रों ने ऽऽऽ तेरा न्हवन किया, महावीर जी।
त्रिशला के ऽऽऽ राजकुँवर…।।१।।
वो महावीर जी जन-जन के प्यारे, त्रिशला माँ के राजदुलारे |
सिद्धारथ जी ऽऽऽ तेरे पूज्य पिता, महावीर जी।
त्रिशला के ऽऽऽ राजकुँवर… ।।२।।
रात अमावस की वो आई, तेरे कारण हुई वो दिवाली,
जब तेरा ऽऽऽ निर्वाण हुआ, महावीर जी ।
त्रिशला के ऽऽऽ राजकुँवर… ।।३।।