प्रात: उठ लो प्रभु का नाम, मात-पिता को करो प्रणाम ।
पहले सबकी सेवा करना, फिर दुखियों की पीड़ा हरना।।
बच्चे ! दिन में कभी न सोओ, हो मुँह मैला तुरत ही धोओ।
मात-पिता की आज्ञा मानो, भले-बुरे का संग पहचानो ।।
घर के सारे काम संभारो, अपने दिल को कभी निहारो।
पुस्तक लेकर पढ़ने जाओ, अपने गुरु को शीश नवाओ।।
अपना पाठ ध्यान से पढ़ना, कभी किसी से तुम नहीं लड़ना।
बहन-भाई से रखना प्यार, सीखो विद्या हो हुशियार।।
Artist: बाल ब्र. श्री सुमत प्रकाश जी
Source: बाल काव्य तरंगिणी