स्त्री पर्याय में जन्मे जीव जिन्हें Gender Identity Disorder है और वे operation से gender change और hormon change करवाते है, अगर वे सम्यक् दृष्टि हो जाए तो क्या सप्तम गुणस्थान योग्य लिनता कर सकेंगे ?
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नही क्योकि वे नपुंसक लिंगी है
यहाँ द्रव्य से स्त्रिवेद है परंतु भाववेद से पुरुष है इसी कारण उसको पुरुष बनने का और उनकी ही तरह रहने का विचार आता है,और स्त्री के प्रति आकर्षण का भाव भी आता है।
जिनागम में द्रव्य और भाव से जीव जो लिंग के साथ पैदा हुआ है,मरण तक वही लिंग कहा जाता है।मात्र भाव वेद नवे गुणस्थान में नष्ट हो जाता है।
रही बात वर्तमान की अपेक्षा लिंग परिवर्तनकी उसमे जिन्होंने ऐसा ऑपरेशन करवाया हो उनको नियमित रूप से कुछ allopathy medicine लेनी होती है होर्मोन्स आदि को बनाये रखने के लिए और उसमें कुछ ऑपरेशन fail भी हो जाते या होने के बाद उस व्यक्ति को कई sideeffects का सामना भी करना पड़ता है क्योंकि मूल में यह प्रकृति से विरुद्ध का कार्य है।
इनको दीक्षा की आज्ञा भी नही मिल सकती फिर सप्तम गुणस्थान की कोई संभावनाही नही है।
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