एक आत्मा सबसे प्यारी।
दो मोह की लगी बीमारी।
तीन रतन की कर तैयारी
चार गति से छुट्टी पाई।
पंचम गति करली यारी
छः द्रव्य का सार बताया
सात तत्त्व से भिन्न दिखाया
आठ कर्म को मार भगाया
नौ लब्धि अंतर प्रगटाई
दस धर्म की ज्योति दिखाई।
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