दिया जले अगम का, बिन बाती बिन तेल।।टेक।।
नूर तेरा …२ सब ओर देखा है मैंने ज्ञान से।।१।।
मन क्यों हरषा…२ मेरा नाम है जो शास्त्रों में लिखा।।२।।
रिमझिम वर्षा…२ स्याद्वाद तेरी वाणी में बसा।।३।।
दिया जले अगम का, बिन बाती बिन तेल।।टेक।।
नूर तेरा …२ सब ओर देखा है मैंने ज्ञान से।।१।।
मन क्यों हरषा…२ मेरा नाम है जो शास्त्रों में लिखा।।२।।
रिमझिम वर्षा…२ स्याद्वाद तेरी वाणी में बसा।।३।।