Gati nam karma aur aayu karma me difference ?
Differences in karma.......!
Sowmay
#2
चारों गतियों में चारों गति नामकर्म का उदय होता हैं तथा जिस गति में उसी आयु कर्म का उदय होता है।
गति नामकर्म जीव विपाकी होने से जीवों के परिणामों से सम्बन्ध रखती हैं तथा आयु कर्म भव विपाकि होती है।
nakul_jain
#3
आयु नाम कर्म जीव को किसी गति में निश्चित काल के लिए रोके रखने का कार्य करता है।
गति नाम कर्म जीव को गति की प्राप्ति कराता है।
गति कर्म प्रति समय बंध को प्राप्त होता है जबकि आयु कर्म समय विशेष की अपेक्षा से।
aman_jain
#4
गति नाम कर्म की उत्तर प्रकृति है ,और आयु कर्म तो अलग है ही ।
यह जीव प्रति समय चारो गति का बंध करता है ,परन्तु जब जो आयु बंध जाती ,तब उसी का गति का बंध होता है।आयु के कारण ही अगला भव निश्चित होता है ,ना कि गति के कारण।
उदयावलि में तो चारो गति रहती है ,परन्तु एक समय पहले स्तिबुक संक्रमण के द्वारा जिस गति में है उस गति का उदय आता है।