गिनती | Counting

  1. आत्मा है हितकारी,
  2. मोह की लगी बीमारी,
  3. कर्म पर करे सवारी,
  4. गति में भ्रमती भारी,
  5. पाप में गंवायें काल,
  6. द्रव्यों को जान निहाल,
  7. तत्त्त का करके ख्याल,
  8. द्रव्य का लेकर थाल,
  9. नवधा भक्ति से दिया आहार,
  10. दस धर्मों का करो विचार,
    मिल बैठकर करो विचार,
    जिससे हो आतम उद्धार।।

Artist: बाल ब्र. श्री सुमत प्रकाश जी
Source: बाल काव्य तरंगिणी