भजन बिन यौं ही जनम गमायो |
पानी पैल्यां पाल न बांधी, फिर पीछैं पछतायो || टेक ||
रामा-मोह भये दिन खोबत, आशा-पाश बंधायो |
जप तप संजम दान न दीनौं, मानुष जनम हरायो || १ ||
देह सीस जब कांपन लागी, दसन चलाचल थायो |
लागी आगि भुजावन कारन, चाहत कूप खुदायो || २ ||
काल अनादि गुमायो भ्रमतां, कबहुँ न थिर चित ल्यायो |
हरी विषयसुख भरम भूलानो, मृग तिसना-वश धायो || ३ ||
Artist : कविवर पं. बुधजन जी