बन्यौ म्हांरै या घरी मैं रंग || टेक ||
तत्वारथ की चरचा पाई, साधरमी कौ संग || १ ||
श्री जिनचरन बसे उर माहीं, हरष भयौ सब अंग || २ ||
ऐसी विधि भव-भव में मिलिज्यौ, धर्मप्रसाद अभंग || ३ ||
Artist : कविवर पं. बुधजन जी
बन्यौ म्हांरै या घरी मैं रंग || टेक ||
तत्वारथ की चरचा पाई, साधरमी कौ संग || १ ||
श्री जिनचरन बसे उर माहीं, हरष भयौ सब अंग || २ ||
ऐसी विधि भव-भव में मिलिज्यौ, धर्मप्रसाद अभंग || ३ ||
Artist : कविवर पं. बुधजन जी