अच्छे हम - राजा हम | acche hum raja hum

मंदिर निश-दिन आते हम
पूजा करने आते हम
पाठशाला पढ़ने जाते हम
स्वाध्याय करने आते हम
दिन में पानी पीते हम
रात में कुछ न खाते हम
छान के पानी पीते हम
खड़े-खड़े न खाते हम
निज आतम को ध्यायें हम
मुनिराज बन जायें हम
सिद्ध शिला पर जायें हम
लौट कभी न आयें हम ।।
इसीलिए तो जैनी हम
नहीं किसी से समझो कम
अच्छे हैं हम राजा हम
नन्हे-मुन्ने ज्ञायक हम ।।

Artist: बाल ब्र. श्री सुमत प्रकाश जी
Source: बाल काव्य तरंगिणी