About the चरणानुयोग category

चारित्र ही सच्चा धर्म है। चरणानुयोगमें नानाप्रकार धर्मके साधन निरूपित करके जीवों को धर्ममें लगाते हैं। जो जीव हित-अहित को नहीं जानते, हिंसादिक पाप कार्योंमें तत्पर होते हैं, उन्हें जिसप्रकार पाप कार्यों को छोड़कर धर्मकार्योंमें लगें, उस प्रकार उपदेश दिया है, उसे जानकर जो धर्म आचरण करने को सन्मुख हुए, वे जीव गृहस्थधर्म व मुनिधर्म का विधान सुनकर आपसे जैसा सधे वैसे धर्म-साधनमें लगते हैं।

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