आएँगे जब परमात्मा, त्रिभुवन झूम उठेंगे।
बरसेगा आनन्द-बरसेगा आनन्द तीनों लोक में।
भविजन भाग्य जगेंगे…॥ टेक॥
पंच कल्याणक आए हैं, रत्न सुरों ने बरसाएँ हैं।
निज कल्याणक कराते हैं, भविजन समकित पाते हैं।
आयें शुद्धात्मा, आये सिद्धात्मा। बरसेगा आनन्द-२… ॥१॥
त्रिलोकीनाथ पधारे है, त्रिजग में जयकारे हैं ।
सातिशय पुण्य को धारे हैं, प्रथम जिनेश्वर हमारे हैं।
आयें शुद्धात्मा, आये परमात्मा। बरसेगा आनन्द-२… ॥२॥
पावन अवसर आया है, पुण्योदय से पाया है।
नरपति सुरपति आये हैं गणधर महिमा गाते हैं।
आयें शुद्धात्मा, आये सिद्धात्मा। बरसेगा आनन्द-२… ॥३॥
Singer: @Asmita_Jain